झूठ की परछाई (Chor Ki Kahani)
छोटा सा कस्बा, जिसे सभी "शांतिपुर" के नाम से जानते थे, सुबह की हलचल में जीवंत रहता था। छोटे-छोटे घर, जिनकी दीवारें रंगीन थीं,...
छोटा सा कस्बा, जिसे सभी "शांतिपुर" के नाम से जानते थे, सुबह की हलचल में जीवंत रहता था। छोटे-छोटे घर, जिनकी दीवारें रंगीन थीं,...
सड़क किनारे लगी हुई चाय की दुकान पर हल्की-हल्की बारिश गिर रही थी। भीड़ कम थी, पर चाय की महक के साथ दुकान में बैठे कुछ लोग अपनी-अपनी दुनिया म...
सर्दियों की शाम थी। अंधेरा धीरे-धीरे अपना कब्ज़ा जमा रहा था और ठंडी हवा मानो किसी अनजान डर की तरह पूरे शहर पर फैल रही थी। आरव अपने छोटे से...
सर्दियों की शाम थी। अंधेरा धीरे-धीरे अपना कब्ज़ा जमा रहा था और ठंडी हवा मानो किसी अनजान डर की तरह पूरे शहर पर फैल रही थी। आरव अपने छोटे से...
भारत के एक सुदूर प्रांत में बसा एक गांव परियाना जहां के भोले भाले लोग देश दुनिया के मुद्दों से बेखबर अपने ही जीवन में मग्न रहते थे। उसी गांव...
वाराणसी का एक छोटा-सा मोहल्ला, जहाँ गंगा नदी किनारे सूरज की किरणें जब सुबह के समय पानी पर पड़तीं, तो ऐसा लगता मानो नदी पर सोने की चादर ब...
नीति और रोहन की शादी को अभी तीन साल ही हुए थे। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा हो जाता। नीति के मन में...
अगले दिन सुबह जब रंजीत उठा, तो उसकी आंखों में हल्की बेचैनी और तनाव था। रात को जो कागजात मिले थे, वे उसके दिमाग में घूम रहे थे। जैसे ही वह अप...